एक ही झटके में 1250 डिपो संचालकों के लाइसेंस कर दिए खत्म

गरीबों के हक पर डाका डाल रही सरकार: कुमारी सैलजा

राशन कार्ड धारकों के लिए तेल-अनाज लेना कर दिया मुश्किल

चंडीगढ़ : अप्रैल अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सीडब्ल्यूसी की सदस्य कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार गरीबों के हक पर डाका डालने में लगी हुई है। इसलिए एक ही झटके में 1250 डिपो संचालकों के लाइसेंस को रद्द कर दिया है। ऐसा होने से राशन कार्ड धारकों के सामने तेल-अनाज का इंतजाम करना चुनौती बन गया है। एक साथ इतने लाइसेंस रद्द होने से लाखों गरीबों के सामने राशन को लेकर संकट खड़ा हो सकता है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में सस्ते राशन की दुकान के तौर पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने 9300 लोगों का डिपो होल्डर के लाइसेंस दिए हुए हैं। लेकिन, पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी कर 60 साल से अधिक उम्र वाले डिपो होल्डर के लाइसेंस खत्म करने के आदेश जारी कर दिए थे। इसके विरोध में डिपो होल्डर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की शरण में पहुंच गए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार के आदेश पर 31 मार्च तक के लिए रोक लगा दी थी। इससे उन 1250 डिपो होल्डर के सामने से तालाबंदी का संकट टल गया था। लेकिन, 31 मार्च को हाईकोर्ट से मिली राहत की समय अवधि खत्म होने बाद अब इनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। हरियाणा के इतिहास में यह पहला मौका है, जबकि एक ही झटके में 1250 डिपो लाइसेंस खत्म हो गए हैं। इन सभी लाइसेंस धारकों की उम्र 60 साल को पार कर चुकी है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि जिन डिपो के लाइसेंस रद्द हुए हैं, उन्हें अप्रैल महीने का राशन भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। जो लोग इनसे जुड़े हुए थे, वे राशन आने से संबंधित जानकारी एकत्रित करने के लिए बार-बार इनके पास पहुंच रहे हैं। सरसों के तेल, चावल, गेहूं, नमक, चीनी आदि की उपलब्धता के बारे में बार-बार पूछ रहे हैं, लेकिन लाइसेंस गंवाने वाले डिपो होल्डर कोई भी जवाब इन लोगों को नहीं दे पा रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश के 1.68 करोड़ गरीब परिवार राशन के लिए डिपो होल्डर पर निर्भर हैं। राशन न मिलने से इनमें से करीब 14 प्रतिशत के सामने रोटी का संकट खड़ा होने लगा है। इनके लिए राशन की पूर्ति का जिम्मा प्रदेश सरकार को उठाना चाहिए। हालांकि, ये गरीब परिवार भी अब भाजपा की चाल को समझने लगे हैं। उन्हें पता चल गया है कि यह सारी कवायद उन्हें मिलने वाले राशन को बंद करने की हो रही है, जिसके लिए बार-बार ट्रायल लेकर देखे जा रहे हैं।

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