शिमला, 103 सुरंग, 869 पुल और 900 तीव्र मोड़। ये है कालका-शिमला रेलमार्ग। पहाड़ी वादियों के सफर पर जाने का क्रेज बढ़ गया है। पहाड़ों की रानी शिमला की सैर के लिए बढ़ते क्रेज को देखते हुए रेलवे ने स्पेशल ट्रेन चलाई, लेकिन उसकी सीटें भी फुल हो गई हैं। नया साल और बर्फ से ढके पहाड़ों को देखने के लिए लोगों को ट्रेन में सफर करने के लिए इंतजार करना होगा। मौजूदा समय अप और डाउन में चौदह ट्रेनें चल रही हैं, लेकिन किसी में भी सीट कंफर्म नहीं है। आलम यह है कि लोग रेल मोटर कार और स्टीम इंजन तक की बुकिंग करवा रहे हैं। रेलवे और विकल्प तलाश रहा है कि नई ट्रेन चलाई जाए, लेकिन मौसम के हालात ऐसे हैं कि स्थिति नहीं बन पा रही है। कालका से शिमला के बीच में वाहनों की लंबी कतार देखते हुए लोगों का रुझान रेलवे की ओर बढ़ा है, जिसके चलते सभी ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट है।
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आकर्षित करता है रेल सफर
न्यू जलापाईगुड़ी से दार्जिलिंग हों या फिर कालका-शिमला रेल सेक्शन। खूबसूरत वैली हमेशा से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती रही है। न्यू जलापाईगुड़ी से दार्जिलिंग दूरी करीब 78 किलोमीटर है। इन दोनों स्टेशनों के बीच करीब 13 स्टेशन हैं, न्यू जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी टाउन, सिलीगुड़ी जंक्शन, सुकना, रंगटंग, तिनधरिया, गयाबाड़ी, महानदी, कुर्सियांग, टुंग, सोनादा, घुम और दार्जिलिंग। यह पूरा सफर करीब आठ घंटे का है, लेकिन इस आठ घंटे के रोमांचक सफर लोग ताउम्र भूल पाते।———
स्टीम इंजन करा रहे बुक
यहां पर पर्यटक लग्जरी कोच में यात्रा और रेल मोटर कार पूरी बुक करवा रहे हैं। 22 जनवरी को स्टीम इंजन की बुकिंग हुई है, जिसका किराया 76 हजार 398 सहित किराया है। इसी तरह रेल मोटर कार की बात करें तो चौदह सीटों की मोटरकार की बात करें तो 26 दिसंबर से 23 जनवरी तक आठ बुकिंग आ चुकी हैं, जिनमें से एक का किराया करीब चौबीस हजार है। पर्यटकों को लग्जरी एसी कोच सीटी-14 झरोखा का 35 हजार 090 जीएसटी के साथ है। इस लग्जरी कोच में दोनों तरफ बालकनी भी है, जिसमें लगी कुर्सियों पर बैठकर सैलानी ताजी हवा और वादियों को खुलकर निहार सकते हैं। इस लग्जरी कोच की सीटें आठ हैं। खर्चा निकालने के लिए कम से कम छह यात्रियों की बुकिंग होने के बाद ही लग्जरी कोच से प्रकृति के नजारे ले सकेंगे। इसी प्रकार रेल मोटर कार-100 कोच आठ सीटर का किराया पहले जहां 43 हजार 560 रुपये जीएसटी सहित है। प्रत्येक यात्री करीब 2200 रुपये में सोफे पर बैठकर सफर का आनंद उठा सकते हैं। यहां भी छह यात्री होने के बाद लग्जरी डिब्बा इंजन के साथ जोड़कर रवाना किया जाएगा।
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120 साल पुराना है ट्रेक
नौ नवंबर 1903 से शुरू हुआ कालका-शिमला रेल का सफर सौ साल से अधिक गुजर जाने के बाद भी अनवरत जारी है। हिमालय की पहाड़ी पर स्थित यह स्टेशन समुद्र तट से 2800 फीट ऊपर है। 7000 फीट समुद्र तट की ऊंचाई वाले मशहूर पर्यटन स्थल शिमला में पहुंचा जाता है। मार्ग पर 18 रेलवे स्टेशन हैं। शिमला जाने वाले सैलानी बस के बजाय इस खिलौना ट्रेन से शिमला जाने को प्राथमिकता देते हैं।इस ट्रेन का सफर इतना सुहाना है कि जितना मजा शिमला की हसीन वादियों में घूमने में आता है, उतना आनंद ये छह घंटे का सफर आपको देता है।
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1927 में शुरू हुई रेल काररेल कार
अंग्रेजों ने 1927 में शुरू की थी। रेललाइन 1898 से 1903 के बीच बनाई गई थी। इसे विश्व धरोहर का दर्जा हासिल है। प्रदेश सरकार ने अगस्त 2007 में इसे धरोहर संपत्ति घोषित किया। 11 दिसंबर, 2007 को यूनेस्को के दल ने यहां का दौरा किया था। 7 जुलाई, 2008 को कालका-शिमला रेलवे को यूनेस्को की वैश्विक धरोहरों में शामिल किया गया।
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यात्रियों का रुझान अच्छा है : सीनियर डीसीएम
सीनियर डीसीएम नवीन कुमार झा ने कहा कि फिलहाल रेल मोटर कार और स्टीम इंजन की बुकिंग हो रही है। रेल मोटर कार की बुकिंग आ चुकी हैं। फिलहाल सभी ट्रेनों में वेटिंग चल रही है। स्पेशल ट्रेनें भी चलाई गई है।