अम्बाला शहर  से  50 %  से ऊपर वोटों से जीतने  वाले   निर्मल  5 वें  विधायक

इससे पूर्व फ़कीरचंद, लेखवती, शिवप्रसाद और विनोद शर्मा को मिले थे 50 फीसदी वोट

AMBALA 15 वीं  हरियाणा विधानसभा के गठन के लिए हाल ही में सम्पन्न हुए   आम चुनाव के नतीजों में जहाँ प्रदेश में गत 10 वर्ष से  सत्तासीन भाजपा ने   अप्रत्याशित  48 सीटें जीत सबको हैरान करते हुए स्वयं अपने दम पर  90 सदस्यीय  राज्य  विधानसभा में स्पष्ट बहुमत हासिल किया है और कल गुरुवार 17 अक्टूबर नायब सिंह सैनी पंचकूला में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्रियों और भाजपा  नेताओं  की उपस्थिति  में  दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. वर्ष 1972 में कांग्रेस की लेखवती जैन ने  50.67 % वोट लिए थे  जबकि इससे पिछले 1968  चुनाव में लेखवती को  55 58 % मिले  थे. हरियाणा में हुए  1967 में हुए  सबसे पहले विधानसभा चुनावो में भाजपा के एडवोकेट फकीर चंद अग्रवाल  ने  50 .50 % प्रतिशत  हासिल किये थे! बहरहाल, जहाँ तक स्थानीय अम्बाला शहर वि.स. हलके का विषय है, तो  यहाँ से विजयी रहे  कांग्रेस के उम्मीदवार  निर्मल सिंह मोहड़ा को इस बार   84 हजार 475 वोट मिले हैं जो इस  चुनाव में पड़े कुल वोटों का 50.98 % प्रतिशत बनते   है.  दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के  असीम गोयल नन्योला रहे जिनको प्राप्त वोट  73 हजार 344 वोट हैं जो  44.26 % प्रतिशत हैं. चुनाव लड़ रहे शेष सभी 10 उम्मीदवारों की ज़मानत जब्त हो गई है.  शहर के सेक्टर 7  निवासी हाईकोर्ट  एडवोकेट एवं राजनीतिक  विश्लेषक  हेमंत कुमार (9416887788)  ने चुनाव  आयोग के रिकॉर्ड  से परत  अम्बाला शहर वि.स. हलके  में आज तक हुए सभी 14 विधानसभा चुनावो के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद  बताया कि ताज़ा चुनाव में निर्वाचित कांग्रेस के निर्मल सिंह अब  पांचवें विधायक बन गये  है जिन्होंने अम्बाला शहर वि.स. सीट से 50 % प्रतिशत से ऊपर वोट प्राप्त किये है! हेमंत ने यह भी बताया कि इस बार अम्बाला शहर से  विजयी रहे कांग्रेस के  निर्मल सिंह द्वारा प्राप्त 84475 वोट और दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के असीम गोयल द्वारा प्राप्त 73344 वोट दोनों द्वारा इस हलके से सबसे अधिक वोट लेने का पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इससे पूर्व  शहर हलके में वर्ष 2009 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते विनोद शर्मा द्वारा प्राप्त  69435 वोट  इस सीट से अधिकतम वोटों का रिकॉर्ड था! पांच वर्ष पूर्व  अक्टूबर 2019  में तत्कालीन  14 वीं  हरियाणा विधानसभा के  लिए हुए  आम चुनाव में अम्बाला शहर हलके  में  हुए मतदान में भाजपा के असीम गोयल नन्यौला  42.2 % प्रतिशत वोट प्राप्त कर दोबारा विधायक बने थे. उस समय  कांग्रेस  से तब अपना टिकट कटने  कारण  बागी बने एवं निर्दलयी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले निर्मल सिंह दूसरे नंबर पर रहे थे  जिन्हें हालांकि   36.38 % प्रतिशत  वोट  प्राप्त हुए थे. तब कांग्रेस के जसबीर मल्लौर केवल 13.07 % प्रतिशत  वोट ही हासिल कर पाए थे एवं इस कारण उन्होंने ज़मानत राशि गँवा दी. उस चुनाव में ऐसा  पहली बार हुआ जब अम्बाला शहर विधानसभा हलके से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार की ज़मानत जब्त हुई. हेमंत ने आगे बताया कि 10 वर्ष पूर्व  अक्टूबर, 2014 में हुए विधानसभा चुनावों में अम्बाला शहर वि.स. सीट से भाजपा से पहला चुनाव लड़ रहे  असीम  को हालांकि  37.30 % प्रतिशत ही  वोट मिले थे. उन्होंने  तब हरियाणा जनचेतना पार्टी के विनोद शर्मा को 23 हज़ार 252 वोटो से हराया  था. शर्मा को उस चुनाव में 22.90 % प्रतिशत    वोट जबकि कांग्रेस के हिम्मत सिंह को 21.47 % प्रतिशत  वोट मिले थे. हेमंत ने बताया कि 15  वर्ष पूर्व  अक्टूबर, 2009 में शहर से दूसरी बार  विधायक निर्वाचित हुए कांग्रेस के विनोद शर्मा को तब   52.77 % प्रतिशत वोट मिले थे. इससे पहले  जब शर्मा फरवरी, 2005 में शहर से पहली बार विधायक चुने गयें तो उन्हें हालांकि  64.52 % प्रतिशत वोट पड़े थे. फरवरी, 2000 में भाजपा की टिकट पर निर्वाचित महिला विधायक  दिवंगत वीना छिब्बर को  42.84 % प्रतिशत वोट मिले थे. अप्रैल,1996 के चुनावो में भाजपा से विजयी  हेडमास्टर फकीर चंद अग्रवाल को   38.18 %  प्रतिशत वोट मिले थे. उनसे पहले वर्ष 1991  में कांग्रेस के सुमेर चंद भट्ट को  32 .92 % प्रतिशत वोट मिले थे.हेमंत ने आगे  बताया कि उससे  पहले के लगातार तीन वि.स. चुनावो में मास्टर शिव प्रसाद ने दो बार भाजपा और एक बार जनता पार्टी से चुनाव जीता. वर्ष 1987 के चुनावो में उन्हें  45.67 % प्रतिशत वोट मिले थे. इससे पूर्व 1982 चुनावो में शिव प्रसाद को   47.38 % प्रतिशत  वोट मिले थे. अम्बाला शहर में आज तक सबसे अधिक वोट प्रतिशत लेकर जीतने का रिकॉर्ड शिव प्रसाद ने वर्ष 1977 में बनाया जब उन्होंने  75 .99 % वोट लिए थे. ऐसा  विशालकाय वोट प्रतिशत हासिल कर चुनाव जीतने का  रिकॉर्ड आज के समय में किसी के लिए भी तोडना सहज नहीं हैं. 

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