–आज तक हरियाणा में किसी अन्य पूर्व विधायक ने ऐसा करने की हिम्मत नहीं की — हेमंत
AMBALA CITY अम्बाला शहर विधानसभा हलके से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी चौधरी निर्मल सिंह मोहड़ा, जो गत 42 वर्षो में चार बार अर्थात वर्ष 1982, 1991, 1996 और 2005 में अंबाला जिले के तत्कालीन नग्गल वि.स. हलके से विधायक निर्वाचित हुए थे, जिसमें से तीन बार वह कांग्रेस के टिकट पर जीते एवं एक बार वर्ष 1996 में निर्दलीय के तौर पर निर्वाचित हुए जबकि वर्ष 1987 और 2000 में निर्मल नग्गल से पराजित भी हो चुके हैं, वह अबकी बार शहर हलके से अपने राजनीतिक जीवन का 11 वां चुनाव लड़ रहे हैं.
हालांकि गत 15 वर्षो में निर्मल सिंह लगातार चार चुनावों में दुर्भाग्यवश पराजित हो रहे हैं. अक्टूबर, 2009 और अक्टूबर, 2014 में हरियाणा विधानसभा आम चुनावों में अम्बाला कैंट वि.स. सीट से भाजपा के दिग्गज नेता अनिल विज ने लगातार दो बार कांग्रेस से चुनाव लड़े निर्मल को पराजित किया एवं उसके बाद अक्टूबर, 2019 में अम्बाला शहर सीट से भाजपा के असीम गोयल ने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ने वाले निर्मल को हराया. इसी बीच मई,2019 में 17वीं लोकसभा आम चुनाव दौरान कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार नायब सिंह सैनी ( वर्तमान में हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री) ने भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े निर्मल को पराजित किया. इसी बीच शहर निवासी हाई कोर्ट एडवोकेट एवं चुनावी विश्लेषक हेमंत कुमार ( 9416887788) ने हरियाणा विधानसभा के आधिकारिक रिकॉर्ड से प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया कि चार बार तत्कालीन नग्गल हलके से विधायक रह चुके वर्तमान में साढ़े 71 वर्षीय निर्मल सिंह का आज तक विधायक तौर पर कुल और वास्तविक कार्यकाल हालांकि 17 वर्ष 8 माह और 13 दिन रहा है जिस कारण उन्हें पूर्व विधायक के तौर पर चार कार्यकाल की पेंशन बनती है. हालांकि आज से अढ़ाई वर्ष पूर्व 7 अप्रैल 2022 को जब निर्मल सिंह अपने द्वारा नवम्बर, 2019 में कांग्रेस से अलग होकर बनाये गये हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट (एच.डी.एफ.) को छोड़कर आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हुए थे , तो उन्होंने पड़ोसी राज्य पंजाब की भगवंत मान सरकार द्वारा लिए गए निर्णय का अनुसरण करते हुए हरियाणा विधानसभा के पूर्व सदस्य (विधायक) के तौर पर चार कार्यकाल की बजाए एक ही कार्यकाल की पेंशन लेने हेतु 11 अप्रैल 2022 को हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) को लिखा था जिस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए विधानसभा सचिवालय द्वारा निर्मल सिंह की मासिक पेंशन को तत्कालीन 1 लाख 52 हजार 700 रुपये से घटाकर तत्कालीन प्रतिमाह 77 हजार रुपये कर दिया गया जो उनकी पिछली पेंशन से करीब आधी ही बनती थी. हालांकि मौजूदा तौर पर निर्मल सिंह की पेंशन राशि और महंगाई राहत (डीआर) कुल 75 हजार रुपये बनती है हालांकि उसके अतिरिक्त 10 हजार रुपये प्रतिमाह विशेष यात्रा भत्ता ( स्पैशल ट्रैवलिंग अलाउंस) भी मिलता है. इस वर्ष 5 जनवरी 2024 को आम आदमी पार्टी (आप) में पौने दो वर्ष रहने के बाद निर्मल सिंह एक बार फिर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये थे. बहरहाल,मौजूदा तौर पर निर्मल पूर्व विधायक के तौर पर एक ही कार्यकाल की अर्थात प्रतिमाह 85 हजार रुपये पेंशन ले रहे हैं. बेशक निर्मल सिंह जैसे धन-समृद्धि आदि से सम्पन्न व्यक्ति के लिए मासिक 85 हजार रुपये की पेंशन राशि कुछ भी नहीं हैं, परन्तु पूर्व विधायक के तौर पर तीन कार्यकाल की पेंशन छोड़कर निर्मल सिंह ने एक आदर्श उदाहरण पेश किया है जिसे आज तक हरियाणा में कोई और पूर्व विधायक नहीं कर सका है. हेमंत ने बताया कि वर्तमान में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उदय भान भी हरियाणा विधानसभा के पूर्व सदस्य ( विधायक) के तौर पर चार कार्यकाल की पेंशन ले रहे हैं. उदय भान इस बार पलवल जिले की होडल (अनुसूचित जाति) आरक्षित सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं अम्बाला शहर से पूर्व विधायक रहे हरियाणा जन चेतना पार्टी (हजपा-वी) सुप्रीमो विनोद शर्मा भी कुल चार पेंशन ले रहे है – अम्बाला शहर वि.स. सीट से दो बार विधायक रहने की, एक बार पंजाब पटियाला जिले के तत्कालीन बनूड़ हलके से विधायक रहने की एवं एक बार पंजाब से 6 वर्ष राज्य सभा सांसद रहने की.