AMBALA हरियाणा-पंजाब बार्डर आठ माह से सील है। नेशनल हाईवे से निकलने वाले करीब 1.25 करोड़ वाहन चालकों के लिए बार्डर बंद होना आफत बन गया, जिसके चलते दूसरे रास्तों से आवाजाही तो हुई लेकिन इन रास्तों पर जाम भी झेलना पड़ रहा है। टोल प्लाजा पर जहां रोजाना वाहन निकलते थे, वहीं अब टोल प्लाजा सुनसान है। दूर-दूर तक हरियाणा पुलिस या फोर्स के जवान ही दिखाई दे रहे हैं। आमजन और अन्य वाहनों के निकलने पर पाबंदी है। नेशनल हाईवे को इन पांच माह में 112 करोड़ 50 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। यही आकलन रेलवे का रहा, जब रेलगाड़ियां बंद रहीं तो रेलवे को भी दस करोड़ से अधिक का फटका लगा। कारोबार भी ठप हो चुका है, लेकिन अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के बाद शंभू बार्डर खुलने की उम्मीद जगी है। हरियाणा पुलिस के अधिकारी पंजाब पुलिस के साथ बैठक करने जा रहे हैं, जिसमें रणनीति तैयार होगी और उसके बाद ही तय होगा कि बार्डर कैसे खेला जाए इस पर फैसला लिया जाएगा। हरियाणा सीमा पर करीब चार कंपनियां पैरामिलिट्री फोर्स की है, जबकि हरियाणा पुलिस के भी लगभग इतने ही जवान डटे हैं। दूसरी ओर पंजाब की ओर किसान बैठे हुए हैं, जो दिल्ली कूच को लेकर रास्ता खुलने का इंतजार कर रहे हैं। हरियाणा और पंजाब पुलिस अब बैठक में यह तय करेगी कि शंभू बार्डर भी खुल जाए और किसी भी सूरत में कानून व्यवस्था भी न बिगड़े। दोनों राज्यों की पुलिस फूंक फूंक कर कदम रख रही है, क्योंकि बार्डर खेलने के आदेश पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के हैं। ऐसे में जवाबदेही दोनों राज्यों की पुलिस की रहेगी। इसलिए कोर्ट के आदेशों की भी पालना हो जाए और बार्डर भी खुल जाए, इसको लेकर रणनीति बनाई जाएगी। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी या नहीं इसको लेकर पुलिस अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। अब तक की बात करें तो एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है।
हरियाणा पंजाब सीमा पर शंभू बार्डर के पास ही टोल प्लाजा भी लगा हुआ है। इस टोल से रोजाना चौपहिया वाहन 60 से 65 हजार निकलते हैं। इसके अलावा दोपहिया वाहनों की संख्या भी कम नहीं है, लेकिन वे टोल नहीं देते। इन पांच माह यानी डेढ़ सौ दिनों में टोल को 112 करोड़ 50 लाख का फटका लग चुका है। इन डेढ़ सौ दिनों में करीब सवा करोड़ वाहन इस टोल से निकलते थे, लेकिन अब उनको टोल बंद होने के कारण दूसरे रास्तों से आवागमन करना मजबूरी बन गया है। एक ओर लंबा रास्ता और दूसरी ओर पेट्रोल व डीजल को लेकर भी खर्च बढ़ रहा है!
—–
चार कंपनियां तैनात, केंद्र को देना होगा पैसा
कानून व्यवस्था न बिगड़ जाए इसलिए हरियाणा सरकार ने केंद्र से आग्रह कर कंपनियां मंगवाई थीं। चार कंपनियां बार्डर पर डटी हैं। इसके अलावा हरियाणा पुलिस के भी जवान फोर्स के साथ तैनात हैं। पांच माह से इन सभी कर्मचारियों को सिर्फ बार्डर पर पहरेदारी का वेतन और टीए/डीए देना मजबूरी बना हुआ है। फोर्स के खानपान और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर भी इंतजाम करने पड़ रहे हैं।
कारोबार ठप, पांच सौ करोड़ से अधिक का फटका
शंभू बार्डर सील होने के कारण कारोबार पर भी बड़ा असर पड़ा है। पंजाब से अम्बाला सटा होने के कारण अम्बाला शहर में खरीददारी करने आते हैं। खासकर जिन लोगों के परिवार में शादी समारोह या फिर अन्य बड़ा आयोजन होता है, तो इसके लिए अम्बाला शहर ही खरीददारी का विकल्प चुनते हैं। सोना, कपड़ा की खरीददारी काफी बड़े पैमाने पर होती है। इतना ही नहीं हाईवे पर (बैरियर के अासपास) जो ढाबे, पेट्रोल पंप, शराब ठेकों पर भी इसका असर पड़ा है। आवाजाही बंद होने के कारण यह सब लगभग ठप पड़ा है।
लाजिस्टिक भी हुआ महंगा
शंभू बार्डर से आवाजाही बंद होने के कारण भारी वाहनों को दूसरे रास्तों से आना जाना पड़ा। इस कारण से ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी प्रभावित हुआ। पंजाब से जो सामान आता है या फिर अम्बाला से जो सामान पंजाब भेजा जाता है, उनकी लाजिस्टिक (किराया) बढ़ाया गया। इसका असर सामान पर भी पड़ा, जिसकी कीमतें बढ़ीं। इसका सीधा असर आमजन पर पड़ा।