कांग्रेस एकमात्र पार्टी है जो हरियाणा के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है
पी.चिदंबरम
CHANDIGARH : वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त एवं गृह मंत्री पी.चिदंबरम ने आज हरियाणा की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि पहले मनोहर लाल खट्टर और बाद में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है और यही कारण है। आज हरियाणा की अर्थव्यवस्था देश में सबसे अधिक खराब स्थिति में है। आंकड़ों से लैस श्री चिदम्बरम ने हरियाणा की शोचनीय आर्थिक स्थिति का संपूर्ण लेखा जोखापेश किया। चिदंबरम यहां हरियाणा विधानसभा चुनाव के सिलसिले में मीडियाकर्मियों को संबोधित करने आये थे। श्री चिदम्बरम ने मुख्य रूप से कृषि, बेरोजगारी और राज्य की अर्थव्यवस्था के समग्र स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया। चिदंबरम ने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में मीडिया से कहा, “हरियाणा मूल रूप से एक कृषि प्रधान राज्य है क्योंकि हरियाणा की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी इस क्षेत्र से अपनी आजीविका कमाती है। इस सरकार के उदासीन रवैये के कारण किसानों को आंदोलन का सहारा लेना पड़ा और सड़कों पर आना पड़ा”। उन्होंने बताया कि हरियाणा के एक औसत परिवार पर वर्ष 2014 में लगभग 79000 रुपये का कर्ज था जो पांच साल बाद बढ़कर 1,82,922 रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि यह अब तक और भी आगे बढ़ चुका होगा क्योंकि ताजा स्थिति के बारे में कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम किसान योजना और फसल बीमा योजना जैसी बहुप्रचारित केंद्रीय योजनाएं हरियाणा के किसानों की स्थिति में सुधार करने में विफल रही हैं। “पीएम किसान योजना में उन 32 प्रतिशत किसानों को शामिल नहीं किया गया है जो किराए पर जमीन लेकर काश्त करते हैं। इसी तरह, फसल बीमा योजना भी पूरी तरह से विफल है रही है। श्री चिदम्बरम ने खुलासा किया कि कुल 22.5 लाख हेक्टेयर भूमि का साल 2020 में फसल बीमा हुआ था जो साल 2024 में घट कर केवल 15.5 हेक्टेयर रह गया।
श्री चिदम्बरम ने कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान करने के बजाय, खट्टर सरकार ने किसानों के खिलाफ दमन और हिंसा की नीति अपनाई। “किसानों के खिलाफ 250 से अधिक एफआईआर दर्ज की गईं, इनमें से कुछ ऐसे अपराधों के लिए थीं जो उन्होंने कभी किए ही नहीं।” उन्होंने कहा कि इससे पूरी तरह साबित हो गया है कि लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन करना भाजपा का चरित्र है और यह राज्य सरकार का यह रवैया केंद्र सरकार जैसा ही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी से किसानों को कभी न्याय नहीं मिलेगा और उसे दंडित करने का सबसे अच्छा तरीका उसे सत्ता से बाहर करना है.
बेरोजगारी एक और बड़ा मुद्दा था जिस पर श्री चिदंबरम ने हरियाणा भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, “हरियाणा में बेरोजगारी के आंकड़े देश में सबसे खराब हैं। सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा की बेरोजगारी दर 37.4 प्रतिशत है।” उन्होंने आगे कहा कि सरकार की अपनी श्रम सर्वेक्षण रिपोर्ट में भी हरियाणा में बेरोजगारी का आंकड़ा 9 प्रतिशत बताया गया है, जबकि राष्ट्रीय औसत 4.1 प्रतिशत है। इससे साबित होता है कि हरियाणा में बेरोजगारी राष्ट्रीय औसत से दोगुनी से भी ज्यादा है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि हरियाणा में 4.5 लाख नियमित सरकारी पद हैं, जिनमें से 1.8 लाख खाली हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा के सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 7896 पद हैं और इनमें से 4618 पद खाली हैं. सरकार द्वारा विज्ञापित सफाई कर्मचारियों के पदों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि महज 15000 रुपये के निश्चित वेतन वाले इन कॉन्ट्रैक्ट पदों के लिए 3.5 लाख से अधिक लोगों ने आवेदन किया था और इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह थी कि इनमें से 6112 आवेदक पोस्ट ग्रेजुएट थे और 3990 ग्रेजुएट थे.
श्री चिदम्बरम ने अग्निवीर योजना पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस योजना ने हमारे रक्षा बलों को नुकसान पहुंचाया है, हमारी सैन्य तैयारियों को खतरे में डाला है और हमारे युवाओं को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो इस योजना को खत्म कर दिया जाएगा.
श्री चिदम्बरम ने अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर हरियाणा सरकार के समग्र खराब प्रदर्शन की और भी अधिक आलोचना की। चिदंबरम ने बताया, “हरियाणा की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। मैन्युफैक्चरिंग सुस्त पड़ गई है। 2022-23 के बाद से इस क्षेत्र में केवल एक प्रतिशत हिस्सेदारी हरियाणा के हिस्से में आई है और बाकी 99 प्रतिशत अन्य राज्यों में चली गई है।” उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य कर्ज के जाल में फंस गया है क्योंकि वह अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से कहीं अधिक कर्ज ले रहा है। वर्ष 2014-15 में हरियाणा पर कुल 71000 करोड़ रुपये का कर्ज था जो चालू वित्त वर्ष में 348 प्रतिशत की भारी वृद्धि के साथ 3.79 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
पी. चिदम्बरम ने कहा कि आर्थिक वृद्धि धीमी हो रही है और खुदरा मुद्रास्फीति 8.3 अंक तक पहुंच गई है जो देश में दूसरी सबसे ऊंची दर है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य को दोबारा पटरी पर लाने के लिए ध्यान केंद्रित करेगी और समग्र समृद्धि लाएगी। उनका मानना था कि किसी भी राजनीतिक दल को दिए जाने के लिए 10 साल बहुत लंबी अवधि है और लोगों को पांच साल में नहीं तो कम से कम 10 साल में एक बार सरकार बदलनी चाहिए।
मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने इस बात से इनकार किया कि हरियाणा कांग्रेस गुटबाज़ी का शिकार है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य में 2,3 या 4 नेता हैं जो खुद को अग्रणी मानते हैं और इसमें कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि यह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करता है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस कोई सीएम चेहरा पेश करेगी, तो उन्होंने जवाब दिया कि आम तौर पर कांग्रेस ऐसा नहीं करती है और सामान्य प्रक्रिया यह है कि चुनाव के बाद विधायकों से उनकी पसंद के बारे में पूछा जाता है और उसके आधार पर आलाकमान अंतिम निर्णय लेता है। एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए श्री चिदम्बरम ने कहा कि राज्य में प्रबल सत्ता विरोधी धारा बह रही है और प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं अच्छा प्रदर्शन न करने वाले एम.एल.खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को लाकर इसे स्वीकार किया है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि एचपीसीसी लोगों के मूड का बहुत सावधानी से लाभ उठाएगी। उन्होंने दृढ़ विश्वास के साथ कहा कि एचपीसीसी नेतृत्व ऐसा करने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित और सजग है।