Delhi : देश भर में स्टेशनों पर सफाई को लेकर रेलवे ने अलग-अलग विभाग की जिम्मेदारियां तय की थी, लेकिन अब कामर्शियल और मैकेनिकल विभाग में मूंछों की लड़ाई शुरू हो गई है। मैकेनिकल विभाग के अधिकारी चाहते हैं कि यह ज़िम्मा उनके पास आ जाए। जैसा वह चाहते थे वैसा ही हुआ। उत्तर रेलवे ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए। सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल है। मैकेनिकल विभाग के पास सुरक्षा से जुड़े अहम ज़िम्मेदारी है अब सफ़ाई का ज़िम्मा उनको ही सौप दिया गया। कमर्शियल की शक्तियों में कटौती कर दी है। स्टेशनों पर सफाई का जिम्मा कामर्शियल से मैकेनिकल विभाग के पास रहेगा । इससे इन्हीं विभाग के अधिकारियों में खींचतान होगी। लेकिन इन विभागों के अधिकारी अब हेल्थ और मलेरिया इंस्पेक्टर के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकेंगे। ऐसे में शक्तियों में कटौती होने पर कमर्शियल और मकैनिकल विभाग में खींचतान होना तय है। पहले रेलवे बोर्ड की ओर से एक पत्र जारी किया गया था जिसमें अब हेल्थ और मलेरिया इंस्पेक्टर को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए थे। बता दें कि सन 2013 में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कामर्शियल विभाग की शक्तियों में इजाफा किया गया था। स्टेशनों पर तैनात हेल्थ एवं मलेरिया इंस्पेक्टर भले ही रेलवे के स्वास्थ्य महकमे के अधीन था लेकिन उस पर सुपरविजन कामर्शियल विभाग की रही। इंस्पेक्टर को छुट्टी देनी है या फिर विभागीय सजा के तौर पर तबादला करना है, ऐसी शक्तियां कामर्शियल विभाग के पास ही थीं। यहां तक कि यदि सफाई व्यवस्था में ढील हो जाती, तो कामर्शियल विभाग ही हेल्थ इंस्पेक्टर को चार्जशीट जारी करता और एनुअल परफार्मेंस अप्रेज़ल रिपोर्ट (एपीएआर) लिखता था।