फ्री होल्ड की जरूरत ही नहीं, हम बदला देंगे अंग्रेजों के बनाये नियम : धर्मेश सूद


– अंबाला छावनी के महेश नगर में चुनाव कार्यालय का शुभारंभ, जनसभाएं व डो टू डोर प्रचार भी कयिा

हरियाणा विधानसभा चुनाव में अंबाला की अंबाला छावनी विधानसभा क्षेत्र से धर्मेश सूद निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं उनका मुददेपिछली सरकारों पर ही नहीं बल्कि नेताओं की कार्य प्रणाली पर सवाल उठा रहा है। यह  लंबे समय तक नेता कहते रहे कि अंबाला छावनी को फ्री होल्ड करवा देंगे, लेकिन अभी तक हुआ नहीं। किंतु धर्मेश सूद कहते है वे अंग्रेजों के जमाने में बनाया गया कानून बदला देंगे, जो आज भी लागू है। वे जनता के बीच अपना चुनाव चिन्ह दूरबीन  लेकर पहुंच रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने अम्बाला छावनी के बोह, महेशनगर, अजीत नगर, अशोक नगर, रानी बाग आनंद नगर, एकता विहार, तोपखाना आदि जगहों पर चुनाव प्रचार किया। उनकी सभाओं में उमड़ती भीड़ उनकी जीत की ओर साफ इशारा करती दिख रही है। सभाओं के साथ सूद ने कई कारोबारियों के रिहायशी भवनों पर आयोजित चाय के कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया। वे बोले कई मुद्दे हैं, जिन पर काम करना बाकी है। यहां शिक्षा, स्वास्थ्य पर तो काम ही ही नहीं। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बदहाल है। वे बोले अंग्रेजों के बनाये कानून काेआज तक कैंट में लागू कर रखा है। अंग्रेजों द्वारा बनाया गया जीजीओ आज भी इस क्षेत्र की जमीन और संपत्तियों पर लागू है। नेता हर बार चुनाव में कैंट को फ्री होल्ड करने का वायदा करते रहे लेकिन स्थिति कुछ और ही है, जबकि यह निर्णय रक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाता है। अंग्रेजों के जमाने का बनाया गया यह नियम आज भी है, जबकि 15 अगस्त 1947 के बाद सरकार गवर्नर जनरल के आदेशों को नहीं हटाया गया। सूद ने जनसभाओं में कहा आज अंबाला छावनी में कई ऐसे मुद्दे हैं, जो हल नहीं हुए। यहां शिक्षा का निजीकरण हो रहा है और यह आम व्यक्ति के बूते से बाहर होती जा रही  है। सिविल  अस्पताल में रेफर सिस्टम अपनाया जाता है। मरीजों को तमाम सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं।

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खोखले विकास पर जमकर बोले सूद 

सूद ने कहा कि विकास के नाम पर कैंट की रिहायशी व व्यवसायिक बस्तियों की सड़कों को उखाड़कर ऐसे ही छोड़ दिया गया। अब इन बस्तियों के लोग भाजपा के खोखले विकास को लेकर खून के आंसू बहा रहे हैं। अधूरे भवन विकास की कहानी खुद बयान कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर बेहद दुख जताया कि खोखले विकास का हवाला देकर नेता फिर विकास के नाम पर वोट मांग रहे हैं। इस बार जनता वोट की बजाय उनके इरादों पर चोट का काम करेगी। थोड़ी सी बरसात में ही कैंट की सड़कें नदी में तब्दील हो जाती हैं। तब कोई घर से निकलकर जनता का हाल नहीं पूछता। 

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मर्ज के उपचार की बजाय मिल रहा दर्द

सूद ने कहा नेता अपने झूठे विकास के दम पर जनता से  वोट मांग रहे हैं। सच्चाई यह है कि इस बार जनता बदलाव के मूड में  जवाब देगी। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में नागरिक अस्पताल व अटल कैंसर सेंटर के नाम पर विकास के बड़े बड़े दावे किए जा रहे हैं। छावनी की जनता को यह कहकर बहकाया जा रहा है कि यहां तो उपचार के लिए हरियाणा समेत पड़ोसी राज्यों से भी मरीज पहुंच रहे हैं। अस्पतालों में उपचार करने वाले चिकित्सक ही नहीं हैं। दूसरे स्टाफ का भी भारी टोटा है। अस्पताल के नाम पर यहां बड़ी बिल्डिंग जरूर खड़ी कर दी गई है। मगर उस बिल्डिंग का कोई फायदा नहीं जिसमें काम करने वाले लोग ही न हो। उन्होंने कहा कि अगर नागरिक अस्पताल व अटल कैंसर केयर सेंटर में तमाम सुविधाएं होती तो फिर मरीजों को पीजीआई क्यों रेफर किया जा रहा है।

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