बराड़ा में दशहरा महोत्सव के दौरान 120 फुट ऊंचे रावण का पुतला धू-धू कर जल उठा। 6 लाख रुपये का खर्च बनाने में आया। दशहरा महोत्सव समिति के प्रधान विक्रम राणा ने बताया कि इस साल भी महोत्सव का आयोजन भव्यता से किया गया। इस आयोजन पर लगभग 6 लाख रुपये खर्च हुए, जिसका प्रबंधन स्थानीय समाजसेवियों और आम जनता के सहयोग से किया गया। समिति के सदस्य अमरेंद्र सिंह ने बताया कि रावण के पुतले को बनाने में 25 कारीगरों ने दिन-रात मेहनत की और इसे तैयार करने में दो महीने का समय लगा। आपको बता दे कि बराड़ा से रावण का पुतला अपनी विशाल ऊंचाई के कारण पहले ही पांच बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है, और इस साल भी इस रावण दहन के कार्यक्रम ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
माजसेवी रजत मलिक ने रिमोट का बटन दबाकर रावण के पुतले का दहन किया
समाजसेवी रजत मलिक ने रिमोट का बटन दबाकर रावण के पुतले का दहन किया। इस मौके पर इको-फ्रेंडली आतिशबाजी का इस्तेमाल किया गया, जिससे पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचा। किसी भी अप्रिय घटना से बचाव के लिए स्थानीय प्रशासन व एसएचओ बराड़ा अपने दल-बल के साथ मौजूद रहे। रावण दहन के नजारे को सभी दर्शको ने अपने अपने मोबाइल में कैद किया। रावण के पुतले के चारो तरफ बेरिकेडिंग की गई थी। पूरे पुतले को बांस की मदद से बनाया गया था। रावण के पुतले का निर्माण पिछले कई दिनों से कारीगरों द्वारा किया जा रहा था। 120 फीट के रावण के पुतले का निर्माण आगरा के सिविल इंजीनियर असगर अली और उनकी टीम ने किया। कारीगर असगर अली ने बताया कि उनके परिवार के सभी सदस्य इस कार्य में उनका साथ देते हैं। उनके बेटे सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं, जबकि उनकी बेटी फैशन डिजाइनर है। सभी ने मिलकर पुतले को बनाने में सहयोग दिया।